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लोकल कोरियाहमर सोनहत

सोनहत क्षेत्र में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल से वनांचल के गरीबों को मिली बड़ी राहत,विभागीय कार्यवाही पर आक्रामक हुए सुरेश सिंह..

सोनहत (कोरिया) वनांचल क्षेत्र ओदारी विक्रमपुर और बोडार के गरीब ग्रामीण परिवारों को बरसात के कठिन दिनों में बेघर होने से बड़ी राहत मिली है यह संभव हो पाया पूर्व विधायक गुलाब कमरों के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह ,सांसद प्रतिनिधि अविनाश पाठक की तत्परता से

गौरतलब है कि उक्त क्षेत्रों में वन विभाग द्वारा बारिश के मौसम में ग्रामीणों के कच्चे-पक्के मकानों को तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू की गई थी इससे सैकड़ों गरीब परिवारों पर बेघर होने का संकट मंडराने लगा था ऐसे समय में जब बरसात की मार और खुले आसमान के नीचे जीने की मजबूरी सामने खड़ी थी तब जनप्रतिनिधियों ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बड़ी पहल की जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया उन्होंने कहा कि यह गरीब लोग बरसों से इन मकानों में रह रहे हैं। बरसात के इन दिनों में यदि इनका आशियाना तोड़ दिया गया, तो ये लोग सड़कों पर आ जाएंगे और उनके लिए जीना दुश्वार हो जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि इन लोगों को कम से कम चार महीने की मोहलत दी जाए ताकि ये सुरक्षित स्थान पर अपना आशियाना तैयार कर सकें या अन्य विकल्प निकल सके

आक्रामक हुए जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह

वन भूमि में जब मकान बन गए तब तोड़ने विभागीय कार्यवाही की जा रही जब मकान बनने की शुरुवात हुई तब विभाग सो रहा था उस वक्त रोक क्यो नही लगाई गई तीखे शब्दो मे जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह ने विभाग से पूछा है। और कड़ी चेतावनी दी है कि पहले संबंधित कर्मचारी पर कार्यवाही करें वन विभाग के आला अधिकारी फिर जमीनी स्तर से अतिक्रमण हटाया जाए।

फील हाल वन विभाग के अधिकारी भी मानवीय पहलुओं को समझते हुए सहमत हुए और उन्होंने ग्रामीणों को नोटिस जारी करते हुए आगामी चार माह की राहत प्रदान की। इस दौरान ग्रामीण अपने लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर सकेंगे।

इस फैसले से सोनहत वनांचल के सैकड़ों गरीब परिवारों ने राहत की सांस ली है और वे अपने जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। पूर्व विधायक गुलाब कमरों तथा सुरेश सिंह,अविनाश पाठक की इस पहल को पूरे इलाके में सराहा जा रहा है। यह एक उदाहरण बन गया है कि जब जनप्रतिनिधि जनता के साथ खड़े होते हैं, तो प्रशासन भी संवेदनशीलता दिखाता है।

ग्रामीणों ने कहा कि बारिश के इस कठिन समय में यह फैसला उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अब वे निश्चिंत होकर अपने परिवार की सुरक्षा और नए आशियाने के निर्माण पर ध्यान दे सकेंगे।

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